देश में कई ऐसे गरीब परिवार हैं, जिनकी रोजी-रोटी मुश्किल से ही चलती है। ऐसे परिवारों में बेटियों की शादी के वक्त मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं, क्योंकि पिता ज्यादा खर्च करने की स्थिति में नहीं होता। संस्कार ऐसे होते हैं कि परिवार के मुखिया को न चाहते हुए भी खर्च करना पड़ता है। ऐसे में कई लोग कर्ज लेकर भी अपनी बेटी की शादी करवा देते हैं। बाद में, निश्चित रूप से, उनका शेष जीवन ऋण चुकाने में व्यतीत होता है।
बेटी की शादी के लिए माता-पिता को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े और बेटी की शादी में मदद मिले,
इसके लिए केंद्र सरकार
एक नई योजना लेकर आई है। इसे प्रधानमंत्री बालिका अनुदान योजना नाम दिया गया है। आज इस पोस्ट में हम आपको इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे,
जैसे यह योजना क्या है?
इसका उद्देश्य क्या है? आवेदन के लिए दस्तावेजों की आवश्यकता होगी?
चलिए,
शुरू करते हैं।
प्रधान मंत्री बालिका अनुदान योजना क्या
है?
प्रधानमंत्री बालिका अनुदान योजना के
तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी के लिए सहायता का प्रावधान
किया गया है। बीपीएल श्रेणी के परिवारों की दो बेटियों को सरकार द्वारा 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की
जाएगी। शर्त यह है कि योजना का लाभ लेने के लिए मुखिया की आय सालाना 15 हजार से कम होनी चाहिए। यदि आय इससे
अधिक है तो व्यक्ति इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएगा।
साथ ही आपको यह भी बता दें कि इस योजना
के तहत सामान्य वर्ग के परिवारों की विधवा महिलाओं की दो बेटियों के लिए 50 हजार की एकमुश्त आर्थिक सहायता सरकार
द्वारा प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत दो से अधिक बेटियां आवेदन नहीं कर सकती
हैं। प्रधानमंत्री बालिका अनुदान योजना के तहत दी जाने वाली इस सहायता से बेटियों
की शादी की तैयारियों में लगे परिवारों को काफी मदद मिलेगी।
जहां कोरोना संक्रमण काल में कारोबार
ठप पड़ा है। लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं, विभिन्न कंपनियों में छंटनी हो रही है। और ऊपर से अर्थव्यवस्था पूरी
तरह से बैठ गई है। ऐसे समय में महंगाई चरम पर चल रही है। इसलिए बेटी की शादी के
लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि ऊंट के मुंह में जीरे की तरह भले न लगे, लेकिन यह बहुत काम की साबित होगी.
प्रधान मंत्री बालिका अनुदान योजना का
उद्देश्य –
दोस्तों ऊपर आपको बहुत कुछ स्पष्ट हो
गया होगा। केंद्र सरकार का उद्देश्य गरीब परिवारों की मदद करना है। इन परिवारों
में बेटी की शादी के समय और दान और दहेज के समय बहुत खर्च होता है। कई परिवार
कन्या के पैदा होते ही उसे कपड़े, गहने
आदि पहनाना शुरू कर देते हैं। कई परिवार अपनी बेटियों को ज्यादा शिक्षा भी नहीं
देते क्योंकि उनका मानना है कि उनका ससुराल ही उनका घर है।
ससुराल वाले आगे पढ़ाना चाहेंगे तो
बेटी को आगे पढ़ाएंगे। वह अपनी बेटी की शादी करके ही अपना कर्तव्य पूरा करता है।
शादी के इस महत्वपूर्ण कार्य में गरीब परिवारों की मदद करने के लिए केंद्र सरकार
यह योजना लेकर आई है। इसके तहत दोस्तों जैसा कि हमने ऊपर बताया है अधिकतम 50 हजार रुपये की राशि देय होगी।
विवाह के समय मिलेगी सहायता राशि-
प्रधानमंत्री
बालिका अनुदान योजना के तहत दो बेटियों की शादी के लिए दी जाने वाली यह 50 हजार की सहायता राशि बालिका के विवाह
के समय दी जाएगी। इससे पूर्व यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विवाह के समय पुत्री की
आयु 18 वर्ष पूर्ण हो चुकी है। अगर बेटी की
उम्र कम है और वे शादी करने जा रहे हैं तो यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा, जिसके मुताबिक शादी के वक्त बेटी की
उम्र 18 साल होनी चाहिए। इसके साथ ही वह योजना
के तहत किसी भी लाभ का हकदार नहीं होगा।
हकदार
नहीं होगा। अगर कोई अप्लाई भी करता है तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाएगा।
Direct Benefit Transfer Schemes (DBT) के जरिए राशि सीधे बेटी के खाते में जाएगी।–
आपको
बता दें कि 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि बेटी की शादी के अलावा किसी अन्य
काम पर खर्च नहीं की जा सकती है. यह राशि माता-पिता के खाते में नहीं जाएगी, बल्कि यह राशि सीधे बेटी के खाते में
डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए ट्रांसफर की जाएगी। ऐसा इसलिए ताकि
इस राशि का उपयोग उसी कार्य में किया जा सके जिसके लिए इसके उपयोग का प्रावधान
किया गया है।
सरकार
नहीं चाहती कि इस योजना का हश्र अन्य सरकारी योजनाओं की तरह हो। जैसा कि योजना में
लाभार्थी पैसे लेता है और इसे किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग करता है। यह योजना
बेटियों की शादी के लिए है, इसलिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती
है कि उनकी शादी में मदद के लिए दी गई राशि का उपयोग उसी उद्देश्य के लिए किया
जाए। दोस्तों धीरे-धीरे यह योजना पूरे देश में लागू हो जाएगी।
कानूनी रूप से गोद ली गई बेटी भी लाभ की पात्र है
आपको
बता दें कि अगर किसी व्यक्ति ने कानूनी रूप से एक बेटी को गोद लिया है, तो यह बेटी भी प्रधानमंत्री बालिका
अनुदान योजना के तहत लाभ की पात्र होगी। यह बेटी प्राथमिक लाभार्थी मानी जाएगी।
गोद ली हुई बेटी को योजनाओं का लाभ मिलने को लेकर कई लोगों के मन में भ्रम है।
दोस्तों यहां आपको यह भी बता दें कि मुखिया की दो से अधिक बेटियां होने पर भी दो
बेटियों को ही इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
बेटे की चाहत में लोग बेटियों के लिए लाइन लगाते हैं।
आपने
कई परिवारों में देखा होगा कि बेटे की चाह में लोग बेटियों के लिए लाइन लगाते हैं।
सरकार के हम दो, हमारे दो के नारे का उन पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। वह यह भी
नहीं सोचता कि वह जिन बच्चों को पाला जा रहा है उनका पालन-पोषण कैसे होगा। वह अपनी
आर्थिक स्थिति के बारे में भी नहीं सोचता। उनकी एक ही इच्छा है कि उनके पुत्र का
जन्म हो,
जिससे उनका वंश आगे बढ़ सके।
इस
सोच को पानी पिलाने में परिवार के बड़े-बुजुर्ग भी सबसे आगे हैं। उनकी सोच है कि
बेटी शादी के बाद ससुराल जाएगी और बेटा ही उसकी देखभाल करेगा। इसका परिणाम यह होगा
कि परिवार बड़ा हो जाता है और मुखिया की आय बड़े परिवार के भरण-पोषण के लिए
पर्याप्त नहीं होती।
कई
जगहों पर आपने खुद देखा होगा कि छह-सात सदस्यों के परिवार में सभी लोग कमाते हैं, फिर भी उनका गुजारा नहीं होता। इसका
कारण यह भी है कि महंगाई उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। कितना भी कमा लो कम ही है।
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